कुछ सवाल हैं

कुछ सवाल हैं

कुछ सवाल हैं, तुम उनके जवाब दे पाओगी क्या ?
तुम्हे जाना नहीं अब तक कुछ अपने बारे में बोल पाओगी क्या ?
हां लाख होंगे चाहने वाले तुम्हारे… कुछ मुझसे बेहतर भी।
कुछ दिल के करीब हैं… कुछ पास होंगे दूर रहकर भी।
पर ज़रा खुद से पूछना के कोई है ऐसा जो मेरी तरह तुम्हे देखता हो….
कोई है तुम्हारा पुजारी क्या ? जो मेरी तरह तुम्हे पूजता हो….
हां मैं जानता हूं के तुम्हारे लिए मैं कुछ भी नहीं हूं….
फिर भी कहीं ये सोचता हूं के एक कोना होगा तुम्हारे दिल में जहां मैं रह सकूं बता दो क्या इस बार सही नहीं हूं ?
जो रख दूं सारी नज़्मों की किताबें तुम मान जाओगी क्या ?
जो थाम लूं वक्त को एक पल के लिए तुम मुझसे मिलने आओगी क्या ?
जो आखिर दिन हो मेरा कभी तुम अनकही बातें बताओगी क्या ?
सच कहुं तो तुम खुद भी नही जानती हो हमारा रिश्ता कैसा है…
औरों से बेहतर है या फिर औरों जैसा है।
बेनाम रहे तो ही बेहतर है, इसे नाम न तुम देना न मैं दूंगा….
मोहतरमा तुम एक बार हक से मांग कर तो देखो… चांद-सितारे छोड़कर सब तुम्हे लाकर दूंगा।
मैं बड़ी-बड़ी बातें नही करता जो मेरे बस में है बस वही करके दिखाउंगा….
तुम्हारी यादों में जिंदगी गुजरेगी अगर तो ऐसे ही जिंदगी बिताउंगा।

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K Pratik Patnayak

K Pratik Patnayak

he is a writer,poet,storyteller and an engineer. he is 23 years old and have achieved a national award in a national anthology for best debut writer.

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