“रात की अंधयारी से”
रात की अंधयारी से
पूछती दिन की रोशनी
मैं सही हूं या तू सही हैं
कुछ गमो को दिल में दबाते हुए
कहती हैं अंधयारी
तू अपने जगह सही
मै अपने जगह सही हूं।।
सुरते- ए – हाल खराब हो गए हैं
आंखों और बदलो के हाल जो एक से हो गए हैं
मोहब्बत – ए – तन्हाई लाजवाब हो गए हैं
आशिक़ की याद और बिजली की कड़क जो एक से हो गए हैं।।
ANJALI DESHLAHARE
Anjali Deshlahare is a writer, a student of diploma in Computer Science and a travel enthusiast.
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