कुछ तो करना होगा।

कुछ तो करना होगा।

इस जहां को उचाईयों पर ले जाने ,

धूप और छाव को हराना होगा।

हमे  एक ,दो आसमान ओर चढ़ना होगा,

हाँ हमे! कुछ तो करना होगा।।

इस जहां के मौसम को,

शुहाना बनाना होगा।

कुछ अपनी शाम ,

इनके नाम करना होगा।

हाँ हमेकुछ तो करना होगा।।

खुद से जंग लड़ना है हमे ,

ओर खुद से जितना भी होगा।

बड़ी मुश्किल है इस दौर में खुद से लड़ना पर,

कुछ तो करना होगा।

हाँ हमे! कुछ तो करना होगा।।

अगर कुछ ऐसे बदलना होगा ,

इस दुनिया को

तो हर ख्वाब को हमारा ,

बेलगाम होना होगा।

हाँ हमे! कुछ तो करना होगा।।

जन्म तो अनिश्चित है पर ,

मित्यु का कड़वा सच तो लेना होगा।

और इस जन्म मित्यू के बीच

हाँ हमे! कुछ तो करना होगा ।।

हाँ हमे! कुछ तो करना होगा ।।

   

भुपेश टिकरिहा

Bhupesh Tikariha is a student of Engineering in GEC Bilaspur, Chhattisgarh. He is a team leader, a speaker and a writer.

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Bhupesh tikariha

Bhupesh tikariha

4 Comments

  1. Ansulika Paul Ansulika Paul on July 18, 2021 at 8:30 am

    You are the motivator that you have always been Bhupesh. Even your poem speaks the same.

  2. Bhupesh tikariha on July 18, 2021 at 9:57 am

    I learned a lot from your blessings and your guidance: I thank you very much mam?

  3. Sudha Verma on July 18, 2021 at 8:54 pm

    Very Nice Bhupesh… I appreciated???.

  4. Anonymous on July 19, 2021 at 12:38 pm

    continue

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