Posts by Anjali Deshlahare
घर के एक कोने से
घर के एक कोने से मैं सिर्फ उनके रोने की आवाज सुन पा रही थी, उनके दर्द को सुन पा रही थी, उनके गले से लग कर उस तकलीफ को एहसास कर पा रही थी, मैं साथ उनके थी लेकिन कुछ न कर पा रही थी, ईश्वर से दुआ बस यही करती जा रही थी,…
Read Moreज़ख्म
तूने मुझसे कुछ इस तरह किनारा किया।। मैं हूँ ही नहीं तेरे ज़िंदगी में , ऐसा कुछ इशारा किया।। वक्त के पन्नों पर ये ज़ख्म और ज़ख्मी मुझे तूने लाख तरीकों से किया।।
Read Moreदर्द की गहराइयाँ
लिखते लिखते जाना है दर्द की गहराइयों को पहचाना है कलम हाथों में कपकपाते हैं जब दिल के दर्द आँखों में झलकते हैं न हाथ थामा जाता है ना आँसू पोछे जाते हैं क्या मतलब की दुनिया में टूटे हुए लोगों को अकेले ही जीना पड़ता है.. कोई पढ़े ना पढ़े ख़ुद की क़िताब को…
Read Moreतेरे ख्यालों में
मन आज भी तेरे ख्यालों में जा भटकता है। कितना भी समझाऊं नासमझ हो बैठता है। चाहत भी मेरी बेकाबू हो जाती है। और मन मेरा बेशरमो की तरह तुम्हें आज भी कॉल कर बैठता है। सुन के ताने कड़वी जुबान की मेरा ये मासूम दिल बैठ सा जाता है।। …
Read MoreAlone Girl
कैसे बताऊं कैसी हुं मैं कर्ज मर्ज फर्ज से घिरी हूं मैं अपनों की भीड़ है लेकिन अकेली हूं मैं अब कोई तो रास्ता दिखाओ मालिक कुछ कर जानें को तैयार बैठी हूं मैं।।
Read Moreकेदारनाथ
कुछ इस तरह मंजर नसीब हुआ केदारनाथ के दर्शन को कोई गया , साथ मेरी रुह चली गई सर्द हवाएँ उसको लगी और कपकपाने मैं लग गई दर्द उनके पैरों में और तकलीफ़ सहन मैं नहीं कर पाई देखते ही भोलेनाथ को, मुस्कान उनके चेहरे में और यहाँ खिलखिलाने मैं लग गई ।। कुछ यूँ…
Read Moreतुम बिन मर ना जाऊँ
ना जाने आंखों ने कैसे पहचाना तुझे लगता है जैसे भेजा है प्रभु ने फरिश्ता मुझे पल पल डर सा लगता है खो ना जाए तूँ ऐसा लगता है जानती हूँ कुछ ही दूर के साथी हो लेकिन तुम बिन मर ना जाऊँ ऐसा लगता है रोकूँगी नहीं बस बता के जाना जाने से पहले…
Read Moreमोहब्बत के ठिकाने से अलग
Photo by Drew Graham on Unsplash मोहब्बत के ठिकाने से अलग हमने अपना ठिकाना ढूंढ लिया।। लोग सोचते थे कि हम मर जाएंगे, किसी के दूर जाने से।। लेकिन हमने…. जीने के लिए भी, एक बहाना ढूंढ लिया।। Anjali Deshlahare
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