प्यार जो सांसो मे बसा हो!

तू लफ़्ज़ों में नहीं, एहसास में था,
हर धड़कन में मेरे आस पास में था।
तेरा ज़िक्र कभी किया नहीं मैंने,
पर तू हर शायरी की बुनियाद में था।

तेरी यादों की खुशबू अब भी है हवा में,
नाम तेरा नहीं, पर बात तेरी है दुआ में।
जैसे चाँद बिना बोले भी रौशनी दे जाए,
वैसे ही तू बिना पास आए, दिल में बस जाए।

मिलना न हुआ, ये शिकायत नहीं,
तेरे होने की ही तो थी राहत कहीं।
प्यार वो नहीं जो जताया जाए,
प्यार तो है — जो हर सांस में पाया जाए।

 

–Manisha Sahu

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