खामोश मोहब्बत

 

तेरे बिना हर पल, जैसे हवा भी थम सी जाती है,
तुझसे मिलने की ख्वाहिश में ही, हर धड़कन बिखर जाती है।
खामोश हूँ मैं, मगर दिल में एक आवाज़ है,
अगर तुम समझ सको, तो हर सांस तुझसे मोहब्बत करती है।

लफ्ज़ों से नहीं, आँखों से कहती हूँ मैं,
तुमसे एक उम्र का वादा करती हूँ मैं।
मेरी हंसी, मेरे ग़म — सब तुमसे हैं जुड़ी,
इश्क़ का इज़हार नहीं, ये दिल की सच्चाई है जो अब खुली।

 

–Manisha Sahu

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